हमर जिनगी अन्हार बनेलौं किया ! - E Shayari Love

Breaking

विज्ञापनका लागि सम्पर्क गर्नुहोला


Post Top Ad

Post Top Ad



Sunday, November 18, 2018

हमर जिनगी अन्हार बनेलौं किया !

नेह प्रीतक लगाक' मुह मोरि लेलौं किया !
प्रेमक रोग लगाक' अहाँ छोरि गेलौं किया !!

मनो नई लगैय इजोरिया राति में
हमर जिनगी अन्हार बनेलौं  किया  !
एखनो धरि बाट जोहैत छी अहिंके
घुरि'क हमरा जिनगीमें ऐलौं नई किया !!

अहिंसंग बितेबै जिनगी केने छेलौं वादा
वादा करि'क अहाँ वादा निभैलौं नई किया !
बहुतेक दिन देखला भऽ गेल अहाँ के जानू
राति सपनामें अहाँ एलौं नई किया  !!

सचिन मैथिल के पहिचान  छली अहिं
पहिचान बनिक' नई तऽ
आने  बनिक' जिनगी में रहि गेलौं नई किया !!

नेह प्रीतक लगाक' मुह मोरि लेलौं किया !
प्रेमक रोग लगाक' अहाँ छोरि गेलौं किया !!

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad