मासूमियत की काेर्इ उम्र नहीं हाेती....
वाे हर उम्र में अापके साथ रहती है..!!
मासूमियत तुझमे है पर तू इतना मासूम भी नहीं,
की मैं तेरे कब्जे में हूँ अाैर तूझे मालुम भी नहीं...
तेरे चेहरे पे, ये मासूमियत भी खूब जमती है...
.कयामत अम ही जाएगी .जरा-सा मुस्कुराने से..
दम ताेड. जाती है हर शिकायत, लबाें पे अाकर,
जब मासूमियत से वाे कहती है, मैंने क्या किया है,
मासूमियत का कत्ल किस के सिर पर मढें,
हमें ही शाैक था समझदार हाे जाने का !!
लिख दूं किताबें तेरी मासूमियत पर फिर डर लगता है,
कहीं हर काेर्इ तेरी तलबगार ना हाे जाये ।
___________________________________________________________________________________
र्इ सायरी लभ










No comments:
Post a Comment