ऐ रूठे हुवे दोस्त मुझे इतना बता दे,
क्या मुझ से गले मिलने का अब मन नहीं होता,
बच्चों की तरह दौड़ के आ सीने से लग जा,
ये ईद का दिन है कोई दुश्मन नहीं होता.
क्या मुझ से गले मिलने का अब मन नहीं होता,
बच्चों की तरह दौड़ के आ सीने से लग जा,
ये ईद का दिन है कोई दुश्मन नहीं होता.
KITNI EIDAIN GUZAR GAI TUM BIN
AB KHUDA KAY LIYE NA TARPANA
DEKHO PHIR EID ANAY WALI HA
EID KAY SATH TUM BHI AJANA
AB KHUDA KAY LIYE NA TARPANA
DEKHO PHIR EID ANAY WALI HA
EID KAY SATH TUM BHI AJANA











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