दर्द भी वही - E Shayari Love

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Wednesday, April 11, 2018

दर्द भी वही

दर्द भी वही और राहत भी वही,
मेरी मूश्किलें और, बुरी आदत भी वही,
उसे भुलना हर सहर मकसद है
हर सुबह फिर बेमतलब सी चाहत भी वही
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..............✍️  E  SAYARI  LOVE

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